Kho Gaye Hum Kahan Movie Review: क्या आपको खो गए हम कहां मूवी देखनी चाहिए इसमें क्या है खास आइए देखते हैं।
IMDb रेटिंग: 7.5/10
कलाकार:
सिद्धार्थ चतुर्वेदी (नील)
अनन्या पांडे (आहना)
आदर्श गौरव (इमाद)
कहानी:
फिल्म तीन दोस्तों, आहना, नील और इमाद की ज़िंदगी पर आधारित है जो मुंबई की चकाचौंध में अपने 20 के दशक में अपने आप की तलाश कर रहे हैं। रोमांस, महत्वाकांक्षा, दिल टूटने और ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव के बीच वो सोशल मीडिया के नशे से भी जूझते हैं। क्या उनकी दोस्ती इस परीक्षा में टिक पाएगी? क्या वो अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे? ये सवाल इस फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
निर्देशन और पटकथा:
फिल्म का निर्देशन अर्जुन वारैन सिंह ने किया है और पटकथा ज़ोया अख्तर, अर्जुन वारैन सिंह और रीमा कागती की तिकड़ी ने लिखी है। डायरेक्शन स्टाइल को यथार्थवादी और रिश्तों को गहरा बताया जा रहा है।
कुछ आलोचकों ने पटकथा को थोड़ी ढीली पाया है, लेकिन कुल मिलाकर फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प और युवा पीढ़ी से जुड़ने वाली है।
सिनेमैटोग्राफी और संगीत:
तन्मय सतम की सिनेमैटोग्राफी फिल्म को एक मॉडर्न लुक देती है, मुंबई के तेज़तर्रार ज़िंदगी को खूबसूरती से कैप्चर करती है।
संगीत में कई कलाकारों के योगदान हैं, जिनमें ओएएफ-सावेरा, अंकुर तिवारी, सचिन-जिगर, अचिंत, करण कंचन और रश्मीत कौर शामिल हैं। गाने फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाते हैं और काफी पसंद किए गए हैं।
खूबियां:
फिल्म ईमानदारी से युवा पीढ़ी की समस्याओं को दिखाती है।
दोस्ती, रिश्तों और आत्म-खोज की कहानी है जो भावुक करती है। गानों और सिनेमैटोग्राफी की प्रशंसा हुई है।
कमियां:
कुछ आलोचकों ने पटकथा को ढीली, किरदारों के विकास को अपर्याप्त और अंत को अप्रत्याशित बताया है। फिल्म की लंबाई को भी थोड़ा अधिक बताया गया है।
निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, "खो गये हम कहां" एक मनोरंजक और विचारोत्तेजक फिल्म है जो युवा पीढ़ी के साथ जुड़ती है। फिल्म की खूबियां उसकी कमियों को कम करती हैं, इसलिए इसे देखने लायक माना जा सकता है।
अगर आप दोस्ती, प्यार, ज़िंदगी के सवालों और मुंबई के रंग देखना चाहते हैं, तो ये फिल्म ज़रूर देखें!
बताइए, आपने फिल्म देखी है? आपको कैसी लगी?
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